1) 5-6 AM के बीच मे उठना।
2) 7:30-8:00 AM तक वर्क प्लेस पर पहुंच जाना।
3) 8:00-9:08 तक ग्लोबल मार्केट उतार चढ़ाव की स्टडी और अपने बाजार के pre-open सेशन को मॉनिटर करना।
4) 9:08 -10 AM तक रिलैक्स मूड में गाने सुनना। क्योंकि इस बीच मे मैं नहीं के बराबर ही ट्रेड करता हूँ।
5) 10AM -2 PM तक ट्रेड । 2 बजे के बाद सिर्फ एक्सपायरी के दिन ही ट्रेड लेते हैं।
6) 2 PM -4:30 PM के बीच मे लंच और नींद।
7) 5- 6:30 PM तक ट्रेडिंग से जुड़ी कोई किताब पढ़ना या फिर quora पर मिले प्रश्न अनुरोध का उत्तर लिखना।
8) 7-12 PM तक टेक्निकल एनालिसिस ट्रेनिंग बैच । इसी बीच मे डिनर।
9) 12- 1 AM के बीच मे market डाटा को prepare करना।
10) फिर गहरी नींद।
सोमवार से शुक्रवार तक तो यही चलता है।
हाँ, इसके अलावा एक और रूटीन है जो ट्रेडिंग के समय चलता है।
यदि ट्रेड पॉजिटिव जा रहा हो slow म्यूजिक song और SL की ओर बढ़ते ट्रेड के वक्त स्पीकर की वॉल्यूम को कैंडल के तेजी के अनुसार कम ज्यादे करना।
ये तो रही अपनी जिंदगी। पता नहीं बाकी ट्रेडर कैसे निकालते हैं दिन।
ऐसे है तो काफी बोरिंग ..क्योंकि वर्क प्लेस पर मैं और मेरे स्पीकर के अलावा और कोई नहीं रहता है। हाँ लेकिन ये अकेलापन ट्रेनिंग बैच में आकर खत्म हो जाता है। लेकिन पैसे इस बोरियत को खत्म कर देते हैं।
प्रॉफिट से मिलने वाले किक और नुकसान से मिलने वाली सिख भी वर्क प्लेस पर अकेले होने का अहसास नहीं दिलाता है।
ट्रेनिंग बैच अभी 2 साल पहले शुरू किए हैं। उससे पहले 7-12 PM का समय बैक्टेस्टिंग मे निकल जाता था।
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